Tuesday, October 30, 2007

आपने आखिरी बार किस नाटक पर तालियां बजायीं हैं?

कुछ समय पहले मैंने समकाल पर कोलकाता का हिंदी रंगमंच पर चार लेखों की एक प्यारी सी श्रंखला पढ़ी. ठुमरी वाले विमल जी समेत अनेकों ब्लागर हैं जो रंगकर्म से जुड़े रहे हैं. लेकिन क्या रंगकर्म पर हिन्दी में एक भी वेबसाईट है. (यदि है तो मुझे मेरे अज्ञान के लिये माफ कर दें).

दिल्ली में जब भी रात को नाटक देखकर निकलता था तो विभिन्न रंगटोली के सदस्यों को प्रेक्षागृह के बाहर अपने आने वाले नाटकों के पर्चे बांटता पाता रहा हूं. रंगप्रेमियों तक अपनी बात पहुंचाने का कितना कष्टप्रद तरीका है ये?

आईये नाट्यकर्म पर एक वेबसाईट बनायें.
इस वेबसाईट में विभिन्न शहरों में होने वाले
नाटको के मंचन के बारे में जानकारी,
नाटकों की समीक्षा,
रंगटोलियों के बारे में जानकारी,
प्रेक्षागृहों की सूची एवं सपर्क सूत्र
हिन्दी नाटक पर विभिन्न लेख,
नाट्यकर्म पर विभिन्न पुस्तकें
आदि उपलब्ध हों.

बाकी आप भी सुझाव दें कि इसमें और क्या क्या हो!
लेकिन ये काम कोई एक व्यक्ति तो नहीं कर सकता ना? इसके लिये तो विभिन्न शहरों में रह रहे नाट्यकर्म मे रुचि रखने वाले हम सब मिलकर कर सकते हैं.
आप इसमें कैसे सहयोग कर सकते हैं?

5 comments:

Bhupen said...

अच्छा ख़्याल है. मैं भी आपके साथ हूं.

काकेश said...

मुझे भी इसमें शामिल माने.मैं तैयार हूँ.

Anonymous said...

कुँवरजी अग्रवाल को आपके प्रस्ताव के बारे में बताऊँगा और सहयोग माँगूगा ।

ghughutibasuti said...

विचार अच्छा है । शुभकामनाएँ । मैंने शायद १९७४ में 'पगला घोड़ा' देखा और तालियाँ भी अवश्य बजाईं होंगी । फिर ऐसा शुभ अवसर नहीं मिला । हाँ स्कूल में बच्चों के प्रयास अवश्य देखे हैं ।
घुघूती बासूती

आनंद said...

बहुत अच्‍छा विचार है। इसमें मैं भी आपके साथ हूँ। - आनंद