tag:blogger.com,1999:blog-4898302305519693565.post3837755677934577647..comments2012-10-08T16:09:40.543+05:30Comments on अभिनय: मेरा ब्लाग चिठ्ठाजगत से क्यों हटाया गया?अभिनवhttp://www.blogger.com/profile/11121711401559687930noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-4898302305519693565.post-76836513421169915092007-10-29T10:58:00.000+05:302007-10-29T10:58:00.000+05:30अभिनव , एक फाल्तू विवाद का सार्थक पटाक्षेप यही हो ...अभिनव , एक फाल्तू विवाद का सार्थक पटाक्षेप यही हो सकता था कि अब इस चिट्ठे पर रंगमंच सम्बन्धी पोस्ट ही दिखेंगी। आपकी सूझबूझ के कायल हो गए ।अफ़लातूनhttps://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4898302305519693565.post-52683418076356129212007-10-29T05:44:00.000+05:302007-10-29T05:44:00.000+05:30श्री अफलातून जी आपका बहुत बहुत आभार. आपके जितनी सा...श्री अफलातून जी आपका बहुत बहुत आभार. आपके जितनी सात्वना तो मुझे मेरे अपनों से भी नहीं मिली. श्री अरुण जी, श्री महाशक्ति जी, अनेकाधिक धन्यवाद.<BR/><BR/>श्री अज्ञात जी, आपने विवाद को सही समझा और समझाया. <BR/><BR/>श्री संजय बेंगाणी, श्री अनूप शुक्ल, श्री श्रीष, एवं श्री आशीष जी आपका इस ब्लाग पर आने के लिये आभार.<BR/><BR/>इस ब्लाग के किसी एग्रीगेटर से हटाये जाने की परिणिति अब आप केवल नाटकों पर अभिनवhttps://www.blogger.com/profile/11121711401559687930noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4898302305519693565.post-76785120670995160052007-10-28T10:40:00.000+05:302007-10-28T10:40:00.000+05:30मेरे विचार से यह किसी तकनीकी भूल से उपजी गलतफहमी स...मेरे विचार से यह किसी तकनीकी भूल से उपजी गलतफहमी से हुआ। अनूप जी से सहमत हूँ कि दोनों एग्रीगेटरों पर सभी हटे ब्लॉग जोड़ लिए जाएँ।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4898302305519693565.post-53443688906676929822007-10-27T20:35:00.000+05:302007-10-27T20:35:00.000+05:30अच्छी बहस है, मुझे भी देखना पड़ेगा, कि मै कहॉं कह...अच्छी बहस है, मुझे भी देखना पड़ेगा, कि मै कहॉं कहॉं हूँ। :)<BR/><BR/>अभिनव जी मै आपके साथ है।Pramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4898302305519693565.post-22645276125524739742007-10-27T20:29:00.000+05:302007-10-27T20:29:00.000+05:30क्या आपने कल ज्ञानदत्त जी की पोस्ट पढ़ी? यदि नहीं ...क्या आपने कल ज्ञानदत्त जी की पोस्ट पढ़ी? यदि नहीं तो पढिये।<BR/>ये एग्रीगेटरों की लढ़ाई है। व्यावसायिक प्रतिद्वन्दिता में एसा होता ही रहता है, भले ही आप इसे व्यवसाय न माने।<BR/>इसकी मुहिम पिछले कई दिनों से चल रही थी। ढेरों ईमेल भेजी जा रहीं थीं। मुझे भी मिली। <BR/>इसे सीरियसली न लें, अपना काम करना जारी रखें। आप ब्लागवाणी पर काम करें। इसे और बेहतर बनायें। आलोक भाई के लिये यही सही होगा कि वे Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4898302305519693565.post-70896184198157135092007-10-27T17:17:00.000+05:302007-10-27T17:17:00.000+05:30पता नहीं कैसे ऐसे हुआ लेकिन यह दुखद है कि ब्लाग एग...पता नहीं कैसे ऐसे हुआ लेकिन यह दुखद है कि ब्लाग एग्रिगेटर् बिना किसी गलती के चिट्ठे हटा दें। चाहे वह् अभिनव् का चिट्ठा हो या आलोक् का। सच् आप् लोगों को पता होगा लेकिन अब आगे कहा-सुनी न् करके दोनों संकलक इसे जोड़ लें तो अच्छा होगा।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4898302305519693565.post-11496206286733492482007-10-27T17:07:00.000+05:302007-10-27T17:07:00.000+05:30अभी भी नारद के सयोजक ब्लोगवाणी का विरोध करने के लि...अभी भी नारद के सयोजक ब्लोगवाणी का विरोध करने के लिये चिट्ठाजगत के साथ काम मे लगे है ....ये उसी काम से जुडी कडिया है जिसके चलते उन्होने ब्लोगवाणी से जुडे लोगो को चिट्ठाजगत से हटाया है अब और बेचारे कर भी क्या सकते है..खिसियानी बिल्ली खंभा ही नोचती है ना..? एक वो सबसे पुराने का ढोल बजाते रहते थे.लोजी अब एक और आ गया..इन्हे चाहिये कि घोषणा कर दे कि हिंदी इंटर्नेट पर प्रथम पुरुष और नारद की बपोती है और Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4898302305519693565.post-67161793603946972442007-10-27T16:09:00.000+05:302007-10-27T16:09:00.000+05:30नये और अदना ब्लॉगर अभिनव , तुम व्यथित मत होना ।नये और अदना ब्लॉगर अभिनव , तुम व्यथित मत होना ।अफ़लातूनhttps://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4898302305519693565.post-85726449533465415122007-10-27T15:11:00.000+05:302007-10-27T15:11:00.000+05:30मैं किसी को भी सार्वजनिक मंच पर लाकर सवाल जबाब करक...मैं किसी को भी सार्वजनिक मंच पर लाकर सवाल जबाब करके बेइज्जत क्यों करूं. उन्होंने हमें हटा दिया ये उनका मामला है. <BR/>आप आलोकभाई के चिठ्ठे के ब्लागवाणी में न होने से व्यथित हैं, क्योंकि वो महान चिठ्ठाकार हैं. मैं एक नया और अदना सा ब्लागर हू तो मेरे ब्लाग के हटाने पर आप व्यथित नहीं हैं!अभिनवhttps://www.blogger.com/profile/11121711401559687930noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4898302305519693565.post-8714519573258856402007-10-27T14:59:00.000+05:302007-10-27T14:59:00.000+05:30मैने आपको निजी मेल किया है, साथ ही जोगलिखी पर टिप्...मैने आपको निजी मेल किया है, साथ ही जोगलिखी पर टिप्पणी भी की है.<BR/><BR/>आपने सही सवाल उठाया है, मगर आलोकजी का चिट्ठा हटाने का गलत काम करने के बाद. आपने पहले क्यों नहीं पूछा. अब आपके प्रश्न का जवाब विपुलजी देगें.<BR/><BR/>मित्र में दो एग्रिगेटो के बिच का पंच नहीं हूँ. आलोकभाई का चिट्ठा ब्लोगवाणी से हटाना एक दुखद घटना है और इसने मुझे व्यथित किया है. मैने केवल अपनी व्यथा लिखी है और विरोध दर्ज किया संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4898302305519693565.post-30046058181677329622007-10-27T14:27:00.000+05:302007-10-27T14:27:00.000+05:30संकीर्णता को बेनकाब करने के लिये धन्यवाद ।संकीर्णता को बेनकाब करने के लिये धन्यवाद ।अफ़लातूनhttps://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4898302305519693565.post-7481439769350662192007-10-27T13:49:00.000+05:302007-10-27T13:49:00.000+05:30मुद्दा गंभीर हैमुद्दा गंभीर हैAshish Maharishihttps://www.blogger.com/profile/04428886830356538829noreply@blogger.com